गिद्धौर से हमारे पापाजी की बदली गोड्डा जिले के गुम्मा शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय हो गयी।हमे स्मरण है कि बिहार राज्य परिवहन निगम की लाल बस पर सवार होकर हमलोग सपरिवार चल पडे थे।वैद्यनाथ धाम मे हमें बस बदलनी थी।बस बदलने.के क्रम में कुली ने सामान पटक दिया जिससे झनाक की आवाज के साथ शीशे का सामान चकनाचूर हो गया था।हमलोग. सांयकाल मे गोड्डा बस स्टैंड पहुंचे।वहां से हमलोग बैलगाड़ी पर सवार होकर चले।रास्ते में कई बार बैल बिदक गये ।क्वार्टर तक पंहुचने मे रात हो चुकी थी।पडोसियों ने हमें खाना खिलाया था।वहां हमलोग ज्यादा समय नहीं रहे।इस कारण हमारी स्कूली शिक्षा यहां भी प्रारंभ नहीं हो सकी ।इतना स्मरण है कि वहाँ हाट -बाजार लगता था, जिसमें आवश्यक सामान मिल जातेथे।क्यूंकि यह स्थान शहर से काफी दूर था।यहां से हमारे पापाजी की बदली मुंगेर हो गयी।💐
शैशवकाल1💐
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